इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में - Electoral Bond FAQ
इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है?
इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रकार से देश में सभी राजनितिक पार्टियों को चंदा लेने का उपकरण है इलेक्टोरल बॉन्ड प्रॉमिसरी नोट और ब्याज मुक्त बैंकिंग टूल की तरह काम करता है.
इलेक्टोरल बॉन्ड कौन खरीद सकता है?
भारत देश में पंजीकृत कोई भी भारतीय नागरिक या संगठन आरबीआई द्वारा निर्धारित केवाईसी मानदंडों को पूरा करने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीद सकता है
एक इलेक्टोरल बॉन्ड कितने रुपए का होता है?
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की विशिष्ट शाखाओं से 1000, / 10,000, / 1,00,000, / 10 लाख और 1 करोड़ रुपए के चेक या डिजिटल भुगतान के माध्यम से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा जा सकता है.
इलेक्टोरल बॉन्ड कब लागु हुआ था?
भारत में वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया था, इसके बाद संसद से पास होने पर 29 जनवरी 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था.
इलेक्टोरल बॉन्ड बंद कब किया गया था?
15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देकर के इलेक्टोरल बॉन्ड बंद कर दिया गया था.
इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा कौनसी पार्टी को मिला है?
इलेक्टोरल बॉन्ड के द्वारा सबसे अधिक चुनावी चंदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिला है, जिसमे बीजेपी को 12 अप्रैल, 2019 से ₹60,60,51,11,000.00 का चंदा मिला है.
इलेक्टोरल बॉन्ड से दूसरा सबसे ज्यादा चंदा कौनसी पार्टी को मिला है?
इलेक्टोरल बॉन्ड से दूसरा सबसे अधिक चंदा अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी को ₹16,09,53,14,000.00 मिला है.
इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा किसने दीया था?
जारी आंकड़ो के अनुसार ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड’ ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. कंपनी ने कुल 1,368 करोड़ का बॉन्ड दान किया था.
इलेक्टोरल बॉन्ड से बीजेपी को सबसे ज्यादा पैसा किसने दिया है?
मेघा ग्रुप, ने BJP और कांग्रेस दोनों को चंदा दिया है जिसमे मेघा ग्रुप ने 1,192 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे जिसमे से 110 करोड़ रुपया कांग्रेस को दिया गया. और इससे लगभग पांच गुना भाजपा को मेघा ग्रुप से 584 करोड़ का चंदा मिला है. बीजेपी को ओवरऑल सबसे ज्यादा इसी कंपनी से चंदा मिला है.
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