खेजड़ी का पेड़ - About Khejri Tree FAQ
खेजड़ी का पेड़ किस देवता का होता है?
खेजड़ी का पेड़ लोक देवता गोगाजी, कवर जी, भभुताजी महाराज और नखत बन्ना जी का निवास स्थान माना जाता है.
खेजड़ी के फल को क्या कहते है?
खेजड़ी के फल को सांगरी कहा जाता है, सांगरी की सब्जी बनाई जाती है. राजस्थान में खेजड़ी के पेड़ सबसे अधिक होते है.
खेजड़ी की पेड़ सबसे अधिक कहाँ होता है?
भारत के राजस्थान राज्य में सबसे अधिक खेजड़ी के पेड़ पाए जाते है, यहाँ पर खेजड़ी के पेड़ की हर साल लकड़ी और लुंगी को काम में लिया जाता है, साथ में खेती वाली जमीन पर खेजड़ी के पेड़ होने से अच्छी खाद्द मिलती है.
खेजड़ी का पेड़ क्या क्या काम आता है?
खेजड़ी का पेड़ सबसे अधिक लकड़ी का उपयोग करने में आता है, क्योंकि खेजड़ी के पेड़ को हर साल काटा जाता है. जिससे खेजड़ी के पेड़ से घर में रोटी बनाने और गर्म पानी करने के लिए लकड़ी काम आती है और खेजड़ी की लुंगी को भेड़ बकरी चराने के सबसे अधिक काम की होती है.
खेजड़ी के चारे को किस नाम जाना जाता है?
खेजड़ी के चारें को लुंगी के नाम से जाना जाता है, खेजड़ी के पेड़ की लुंगी का भाग 1000 से 1800 रुपए प्रति किवंटल रहता है.
खेजड़ी किस राज्य का राज्य वृक्ष है और इसे कब राज्य वृक्ष घोषित किया गया?
खेजड़ी का वृक्ष राजस्थान राज्य का राज्य वृक्ष है और इसे 1983 में राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित किया गया था.
खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम क्या है?
खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरेरिया है.
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